Sunday, May 31, 2009

दिल्ली

हमसे एक व्यक्ति ने पूछा
क्याआपने दिल्ली देखी है ।
हमने कहा जी नहीं ,सुनी है ।
दिल्ली के बारे में ,बहुत बातें गुनी है ,
दिल्ली दिन दुनी रात चौगुनी है ।
संसद में असंसदीय लोगों के आ जाने से सौ गुनी है,
दिल्ली से ही देश में चमत्कार होता है ,
दिल्ली के हस्ताक्षर से विश्व व्यापार होता है ।
दिल्ली द्वारा देश में नर संघार होता है ,
दिल्ली से ही देश का बलात्कार होता है ।
उसने मुझे डाटा ,
मारा एक चांटा ,
बोला अब ऐसी बात मत कहना ,
दिल्ली देश की शान है ,
भारत का अभिमान है ।
विश्व की सर्वोच्च संसद होने से ,
विश्व में महान है ।
मैं उसी दिन से इस देश के रहनुमाओ को ,
ललकार रहा हूँ ,
बार बार धिक्कार रहा हूँ ,
फ़िर भी सभी मौन है ।
कोई नही बताता हमारी
असली दिल्ली कौन है
विजय विनीत

Monday, May 18, 2009

(1)
दिल्ली बड़ी है
दिल्ली छोटी है
दिल्ली खरी है
दिल्ली खोटी है