अशोक पाण्डेय जी ग्व्यालियर ,दिगम्बर नासवाजी दुबई ,समय जी अलबेलाजी सूरत, नारद मुनीजी गंगानगर ,परमजीत बालीजी ,देवगातिकरजी दिल्ली
संगीताजी बोकारो आप लोगों ने हमारी दिल्ली वाली कविता को सराहा बधाई ब्लॉग की ज्यादा जानकारी नहीं गावं में रहताहूँ ।
आप कुछ इस तरह से जीते हैं
लगता है दर्द बहुत पीते हैं ।
आइनें सा ये बताता चेहरा ,
सारे दिन हादसों में बीते हैं ।
खोयी खोयी सी आखं कहती है ,
आप मंजिल से बहुत पीछे हैं ।
लडखडाती हुई जुबा कहती ,
जुल्म सहते हैं होठ सीते हैं ।
आप कुछ भी न बताएं फ़िर भी ,
कहती सब कुछ ये गजल गीते हैं
विजय विनीत
9415677513
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behtreen...
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